Bhole Baba Hathras: सोशल मीडिया पर नाममात्र की मौजूदगी रखने वाले नारायण सरकार हरि की प्रॉपर्टी के बारे में जानकर अथॉरिटी के होश उड़ गए। कभी दान नहीं लेने का दावा करने वाले भोले बाबा के पास 100 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति है, जिसमें 24 लग्जरी आश्रम हैं।
हाथरस के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई की दोपहर जो भयावह हादसा (Hathras Incident) हुआ, उसने हर किसी को हैरानी में डाल दिया। प्रवचन के दौरान मचे भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर यह भोले बाबा (Bhole Baba) हैं कौन, जिसे सुनने के लिए और चरणों की धूल लेने के लिए लोगों ने अपनी जान तक दे दी। सोशल मीडिया पर नाममात्र की मौजूदगी रखने वाले नारायण साकार हरि की प्रॉपर्टी के बारे में जानकर अथॉरिटी के होश उड़ गए। कभी दान नहीं लेने का दावा करने वाले भोले बाबा के पास 100 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति है, जिसमें 24 लग्जरी आश्रम हैं।
हाथरस भगदड़ कांड के बाद से सूरजपाल सिंह जाटव उर्फ भोले बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैनपुरी में बाबा के लग्जरी आश्रम के बाहर करीब 50 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। पिछले 2 साल से बाबा यहां 21 बीघे में फैले फाइव स्टार आश्रम में रह रहा है। इसमें बाबा और पत्नी के लिए 6 बड़े कमरे बने हुए हैं। इसमें बिना इजाजत के कोई नहीं आ सकता है। यहां मुख्य गेट पर 200 उन लोगों के नाम की लिस्ट है, जिन्होंने इस आश्रम के निर्माण के लिए दान किया है। इसमें ढाई लाख से लेकर 10 हजार रुपये तक शामिल हैं।
24 आश्रम और गाड़ियों का काफिला
जमीन के सहित मैनपुरी के इस आश्रम की कीमत 5 करोड़ आंकी गई है। आश्रम को ट्रस्ट की तरफ से मैनेज किया जाता है। बाबा से जुड़े लोगों के अनुसार उनके 24 आश्रम हैं और 100 करोड़ कीमत की प्रॉपर्टी है। थ्री-पीस सूट और स्टाइलिश चश्मे पहनकर चलने वाले बाबा के काफिले में करीब 20 लग्जरी एसयूवी शामिल रहती हैं। आगे-आगे रॉयल इनफील्ड बुलेट पर 15 से 20 कमांडो भी चलते हैं। इसके साथ ही गुलाबी और सफेद कपड़े पहने सेवादारों की फौज भी कार्यक्रम स्थल से लेकर आश्रम तक रहती है।
मैनपुरी, कासगंज, कानपुर, इटावा सहित कई जगहों पर बाबा के आश्रम हैं। सूरजपाल के पैतृक गांव कासगंज के बहादुरनगर में 60 बीघे और मैनपुरी में 21 बीघे में फाइव स्टार आश्रम बने हुए हैं। वहीं इटावा में सराय भूपत स्टेशन के पास 15 बीघे में और कानपुर के कसुई गांव में 14 बीघे में आलीशान आश्रम बने हुए हैं। ग्रामीणों का ऐसा भी दावा है कि कानपुर आश्रम में स्थानीय पुलिस को भोजन भी कराया जाता था, जिससे जमीन को लेकर किसी तरह के विवाद की स्थिति में बाबा के पक्ष में खाकी खड़ी रहे।
गरीब से लेकर अधिकारी तक अनुयायी
भोले बाबा के आश्रम से लेकर सत्संग स्थल तक कहीं भी मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर सख्त पाबंदी रहती है। यही वजह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई खास मौजूदगी नहीं नजर आती है। सत्संग में आने वाले अनुयायियों से किसी तरह का दान नहीं लिया जाता है। उनके अनुयायियों में गरीब और सामान्य लोगों के साथ ही बड़े प्रशासनिक अधिकारी तक शामिल हैं। यूपी और पड़ोसी राज्यों से भी लोग आया करते थे।
भगदड़ के 5 दिन बाद सामने आया बाबा
सूरजपाल का बयान हाथरस कांड के 5 दिनों के बाद आया है। 2 जुलाई को घटना के बाद से वह गायब हो गया था। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को भी इस भगदड़ के मामले में आरोपी माना जा रहा है। हालांकि, प्रारंभिक एफआईआर में उसका नाम नहीं शामिल किया गया है। कार्यक्रम के आयोजन देवप्रकाश मधुकर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शनिवार की सुबह जारी वीडियो में भोले बाबा का बयान सामने आया है। इसमें भोले बाबा साजिश की बात करता दिख रहा है। अपने बयान में भोले बाबा ने कहा कि पुलिस और प्रशासन हर पहलू की जांच कर रही है। घटना के जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा, इसका भरोसा रखिए।