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प्रबंध निदेशक संजीव हंस की बैठक में हुई फैसला, एकीकृत ओमनी चैनल सीआरएम प्रणाली से होगा उपभोक्ताओं के बिजली की समस्या का समाधान

पटना- बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की समस्या के समाधान के लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली विकसित की जा रही है। इसके तहत बिहार में किसी भी माध्यम द्वारा किसी भी कोने से की गई बिजली संबंधी सभी शिकायतें एक जगह एकत्र होंगी। इससे उन समस्याओं का समाधान करने में सुविधा होगी। उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए इसका डिजाइन तैयार किया जा रहा है।

सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है। एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़ेगी, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता भी सुनिश्चित होगी।

विद्युत भवन के सभागार में बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस की उपस्थिति में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिये उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित निदान करने के लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली की रूपरेखा रखी गई। इस बैठक में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

फिलहाल विद्युत उपभोक्ता बिजली संबंधी अपनी शिकायत के लिए विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए बिजली विभाग की ओर से दिए गए टोल फ्री नंबर 1912 और वेबसाइट का भी उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही फ्यूज कॉल सेंटर के नंबर भी उपभोक्ताओं की मदद के लिए विभाग की ओर से जारी किए गए हैं, जो दोनों डिस्कॉम कंपनियों – एसबीपीडीसीएल और एनबीपीडीसीएल – की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं की शिकायतों को चाहे वे किसी भी माध्यम से क्यों ना आ रही हों, एक जगह एकत्रित किया जाएगा. इससे यह पता लगाना आसान होगा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान तेजी से हो रहा है या नहीं। अपनी विद्युत संबंधी समस्या को लेकर उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के जरिये उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर कई स्तर पर कार्य किए जाएंगे। ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल आधारित ऐप के जरिये प्राप्त डेटा के आधार पर यह पता लगाना आसान होगा कि किसी शिकायत के निवारण में देर क्यों हो रही है और इसके लिए कौन व्यक्ति जिम्मेदार है। पोर्टल और ऐप का इस्तेमाल संबंधित हितधारकों और उपभोक्ताओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी किया जाएगा। इसका लक्ष्य उपभोक्ताओं तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ बिजली वितरण प्रणाली का प्रभावशाली निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित करना है।

एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली के तहत एआई आधारित चैट बोट व व्हाइस बोट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें अंग्रेजी और हिन्दी के साथ साथ क्षेत्रिए भाषाओं जैसे मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उपभोक्ता अपनी स्थानीय भाषा में इसका उपयोग कर सकेंगे। इसमें स्पीच से टेक्स्ट और टेक्स्ट से स्पीच की भी सुविधा होगी। इसमें खासतौर से इंटरएक्टिव व्हाइस रिसपॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत हिन्दी, अंग्रेजी सहित स्थानीय भाषाओं में उपभोक्ताओं के सवालों का जवाब दिया जाएगा, उनसे संवाद किया जाएगा। इसके साथ ही व्हाट्स एप, ट्वीटर, फेसबुक, इमेल, फोन कॉल आदि का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इनके माध्यम से भी उपभोक्ता अपनी बात रख सकेंगे।

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