बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर हिंसक प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शन में 64 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने यूनिवर्सिटी को बंद करने का फैसला किया है। स्थिति बिगड़ती देख भारतीय छात्र स्वदेश लौट रहे हैं। इन छात्रों में कई मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स हैं।
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात के बीच भारतीय छात्रों को किसी भी तरह स्वदेश लौट रहे हैं। शुक्रवार को ही 300 से अधिक छात्र पूर्वोत्तर में बॉर्डर प्वाइंट से होकर गुजरे। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर छात्रों और सुरक्षा बलों के साथ सरकार समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों में लगभग 64 लोगों की मौत हो गई है। वहां सरकार ने यूनिवर्सिटीज को बंद करने का आदेश दिया है।
एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे स्टूडेंट्स
स्वदेश लौटने वाले कई छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। उनमें से ज़्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर से थे। शुक्रवार को छात्रों द्वारा वापस लौटने के लिए इस्तेमाल किए गए दो मुख्य मार्ग त्रिपुरा में अगरतला के पास अखुराह में इंटरनेशनल लैंड पोर्ट और मेघालय में दावकी में इंटरनेशनल लैंड पोर्ट थे। छात्रों ने कहा कि वे प्रतीक्षा कर रहे थे और स्थिति पर नजर रख रहे थे, लेकिन आखिरकार उन्होंने अस्थायी रूप से बांग्लादेश छोड़ने का निर्णय लिया। गुरुवार को इंटरनेट लगभग पूरी तरह बंद कर दिया गया था। टेलीफोन सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। इससे वे अपने परिवारों से कट गए थे।
इंटरनेट बंद, परिवार से कटा संपर्क
हरियाणा के आमिर ने कहा कि मैं चटगांव के मरीन सिटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सेकंड ईयर का छात्र हूं। स्थिति खराब होती जा रही है और कई प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। यही वजह है कि हम वापस आ गए हैं। कई अन्य छात्र भी वापस आ गए हैं। इंटरनेट काम नहीं कर रहा है और हम अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। हमें हवाई टिकट नहीं मिल पाए और हमें घर जाने के बजाय सड़क मार्ग से अगरतला जाना पड़ा। इसी कॉलेज के एक अन्य छात्र मोहम्मद फैज अब्दुल्ला खान ने कहा कि जहां तक उनका सवाल है, मंगलवार तक सब कुछ सामान्य था। उसके बाद उनसे अपने आवास या हॉस्टल कैंपस से बाहर न जाने को कहा गया।
भूटान, नेपाल के रास्ते भी आ रहे छात्र
मेघालय में अधिकारियों ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों के कारण 200 से अधिक भारतीय सीमा पार कर गए हैं। भूटान और नेपाल से भी कुछ छात्र भारत में दाखिल हुए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 67 छात्र मेघालय से और सात भूटान से हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए बांग्लादेश उच्चायोग और बांग्लादेश लैंड पोर्ट अथॉरिटी के संपर्क में है। भारत ने बांग्लादेश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन को शुक्रवार को उस देश का ‘आंतरिक’ मामला करार दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 8,000 छात्रों सहित लगभग 15,000 भारतीय वर्तमान में बांग्लादेश में रह रहे हैं और वे सुरक्षित हैं।