घटना बेतिया के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज कुमारबाग की है जहां शुक्रवार रात खाने के बाद 45 छात्र फूड पॉइजनिंग से बीमार हो गए। सभी छात्रों को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। पूछ ताछ में छात्रों ने बताया कि मेस में खराब खाना दिया जाता है और प्रबंधन लापरवाही करता है।बेतिया जिले के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में शुक्रवार की देर रात उस समय हड़कंप मच गया, जब खाना खाने के बाद फूड पॉइजनिंग से 45 इंजीनियरिंग छात्रों की तबियत अचानक खराब होने लगी। सभी बीमार छात्रों को बेतिया के जीएमसीएच में भर्ती कराया गया। जहां सभी का इलाज चल रहा है। छात्रों ने बताया कि मेस में खाने के मेन्यू में चिकन और चावल था। जैसे ही छात्रों ने खाना खाया उसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। एक छात्र की थाली में मरी हुई छिपकली मिली जिसके बाद छात्रों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। घटना के बाद पूरे इंजीनियरिंग कॉलेज में हड़कंप मच गया। छात्र एक के बाद एक बीमार होने लगे। किसी को उल्टी हो रही थी तो किसी को चक्कर आ रहे थे। जिसके बाद सभी बीमार छात्रों को एंबुलेंस से देर रात जीएमसीएच लाया गया। 45 छात्रों की हालत खराब है।
वही जीएमसीएच के डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए थे। उन्हें 6 एम्बुलेंस से जीएमसीएच में लाया गया। फिलहाल सभी छात्र खतरे से बाहर हैं। कुछ छात्रों का इलाज कर वापस भेज दिया गया है और कुछ छात्रों को डॉक्टर की निगरानी में रखकर इलाज किया जा रहा है।
घटना के बाद कुमार बाग गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रबंधन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। छात्रों ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में हमेशा खराब खाना खिलाया जाता है। अगर कोई छात्र बीमार हो जाए तो कोई देखने वाला नहीं होता है। कॉलेज प्रशासन बहुत लापरवाही करता है, जिससे सभी छात्र परेशान रहते है। अभी इसकी जांच चल रही है।